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एक ऐसा मन्दिर जहाँ होती है BULLET की पूजा ।

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ओम बन्ना का जन्म पाली जिले के एक छोटे से गांव में हुआ था ओम बन्ना के पिताश्री का नाम श्रीमान जोग सिंह जी था और ओम बन्ना की माता जी का नाम श्रीमति स्वरुप कँवर था जब ओम बन्ना बड़े हुए तो उनका विवाह बगड़ी सांडेराव गांव में श्रीमती उर्मिला कँवर के साथ कर दिया गया । एक बार जब अपने ससुराल से अपने गांव वापस आ रहे थे तभी उनकी गाड़ी का संतुलन बिगड़ गया और उनकी गाड़ी एक पेड़ से जा टकराई ओम बन्ना की हुई मृत्यु हो गई उसके बाद जब रोहित थाना की पुलिस ओम बन्ना को लेकर गई तो वह बाइक उसी स्थान पर आ गई कहां एक्सीडेंट हुआ था और यह करम लगभग तीन से चार बार चला उस को देखते हुए गांव वालो और ओम बन्ना के पिताजी ने ओम बन्ना की इच्छा मानते हुए Bullet को वही रखवाली जहा एक्सीडेंट हुआ था ।धीरे-धीरे लोगों का कहना है कि ओम बन्ना उनकी साक्षात्कार में मदद करते हैं और उनकी सहायता करते हैं। ऐसी दिव्यात्मा को हमारा प्रणाम आज भी वहां हजारों की संख्या में भीड़ लगती है और मोटरसाइकिल की पूजा होती है।।

RSS देश का है ये किसी जाती को नही देश का साथ देता है।

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राष्ट्रीय स्वय सेवक के प्रमुख श्री मोहन भागवत वैसे तो हमेशा से ही अपने ब्यानो और अपने रुतबे की वजह से चर्चा में रहते है। वे हमेशा हिन्दू समाज और हिन्दू राष्ट्र का पक्ष और उनका नेतृत्व कर रहे है। लेकिन अब उनका ब्यान पुरे देश के लिए आया है उन्होंने कहा है की RSS देश का संघ है और जो भी देश के हित में होगा वो ये संघ करेगा। उनका यह भी कहना है की देश की हर जाती को उनका सहयोग रहा है चाहे वो हिंदू हो या मुस्लिम । संघ हमेशा से देश के प्रति निष्ठा से काम करता आया है और हमेशा करता रहेगा। मोहन भगवत का कहना है की अगर किसी देश के खिलाफ कुछ बोला तो संघ चुप नही बैठेगा। इस बीच उन्होंने सभी से अपील भी की है वे लोग ज्यादा से ज्यादा संघ से जुड़े और देशभक्ति का साथ दे

बलिदान के बिना कोई क्षत्रिय नही बनता । क्षत्रिय कविता जिससे खून खोले

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जय राजपुताना जय हिन्दू राष्ट्र क्षत्रिय पथ बिना रजपूती ना बणे रे भाईयों , लाख करो विचार । पथ छोङिया मँजिल ना मिले रे भाईयों , जतन करो हजार । मर्यादा रखी राजा राम ने रे भाईयों ,दुनिया पुजे बारम्बार । मर्यादा तोङी रावण ने रे भाईयों , बच ना पायो जतन कर हजार । महाराणा धर्म राखियोँ रे भाईयों ,  दियो अकबर ने झुकाय। औरँगजेब भी आ झुकयो रे भाईयों , दुर्गादास जी दियो झुकाय। क्षत्राणिया सती कहलावती रे भाईयों , चलती खाँडा री धार । अकेलो क्षत्रि भिङ जावतो रे भाईयों , सामने आजावे चाहे हजार। धर्म छत्री ने भुलगा रे भाईयों , चलगा दुनिया रे लारो लार। क्षत्रिय धर्म बिना रजपुती ना बणे रे भाईयों , लाख करो विचार । जय क्षात्र धर्म । जय क्षत्रिय आपका धर्म हु आपकी सोच है और अपनी सोच को बुलन्द करना है तो अपने धर्म को बुलन्द करो जय हिन्द @Rudraksh

साफा बांधना सीखे वो भी 5 मिनट में।।

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आप अगर किसी शादी में राजस्थानी साफा बांधना चाहते है और वो भी एक दम जल्दी तो हमारा ये वीडियो देखो जल्दी से सिख जाओ साफा बांधना।

श्री कृष्णा का अर्जुन को उपदेश ।। महाभारत

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श्री कृष्ण ने महाभारत में अर्जुन को समझाया था की अगर मनुष्य अपने कर्मो को करना छोड़ दे तो इस संसार में किसी कर्म व निष्ठा की कमी आ जायेगी जो की हमारे नियमो के विरुद्ध है

बलात्कार करने वालो की अब खेर नही । लोगो को आया गुस्सा

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भारत में आए दिन किसी नाबालिग के बलात्कार हो जाता है। इसी घटनाओ से गुस्साए लोगो ने अब निर्णय लिया है की अगर कोई बलात्कारी उनके हाथ लग गया तो कोर्ट से पहले वे अपना फैसला सुनाएंगे। लोगो ने अलग अलग दल भी बना लिए है जब कभी भी ऐसी घटना होती है वे लोग उनकी सहायता करेंगे । भारत देश की यही कमी है की यह लोग हवस के इतने अधीन हो जाते है की उनको अपने माँ बहन का चेहरा भी नजर नही आता उस नन्ही सी बच्ची मैं भारत सरकार भी इस समस्याओं से निपटने के लिए निरन्तर प्रयास क्र रही है। भारत सराकर व Non Government Organisers द्वरा नुक्कड़ नाटक ,घर घर जाकर जागरूकता लाने का प्रयास कर रहे है। हम इन सब का समर्थन करते है।

चौहान राजपूतो का इतिहास । History of chauhan Rajput

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अग्निवंश के सम्मेलन कर्ता ऋषि १.वत्सम ऋषि,२.भार्गव ऋषि,३.अत्रि ऋषि,४.विश्वामित्र,५.चमन ऋषि विभिन्न ऋषियों ने प्रकट होकर अग्नि में आहुति दी तो विभिन्न चार वंशों की उत्पत्ति हुयी जो इस इस प्रकार से है- १.पाराशर ऋषि ने प्रकट होकर आहुति दी तो परिहार की उत्पत्ति हुयी (पाराशर गोत्र) २.वशिष्ठ ऋषि की आहुति से परमार की उत्पत्ति हुयी (वशिष्ठ गोत्र) ३.भारद्वाज ऋषि ने आहुति दी तो सोलंकी की उत्पत्ति हुयी (भारद्वाज गोत्र) ४.वत्स ऋषि ने आहुति दी तो चतुर्भुज चौहान की उत्पत्ति हुयी (वत्स गोत्र) चौहानों की उत्पत्ति आबू शिखर मे हुयी दोहा- चौहान को वंश उजागर है,जिन जन्म लियो धरि के भुज चारी, बौद्ध मतों को विनास कियो और विप्रन को दिये वेद सुचारी॥ चौहान की कई पीढियों के बाद अजय पाल जी महाराज पैदा हुये जिन्होने आबू पर्वत छोड कर अजमेर शहर बसाया अजमेर मे पृथ्वी तल से १५ मील ऊंचा तारागढ किला बनाया जिसकी वर्तमान में १० मील ऊंचाई है,महाराज अजयपाल जी चक्रवर्ती सम्राट हुये.search%3Fq%3Dtaragarh%2Bfort%2Bajmer%26um%3D1%26hl%3Den%26sa%3DX%26biw%3D1366%26bih%3D550%26tbs%3Disz:m%26tbm%3Disch&um=1&itbs=1