बलिदान के बिना कोई क्षत्रिय नही बनता । क्षत्रिय कविता जिससे खून खोले

जय राजपुताना
जय हिन्दू राष्ट्र
क्षत्रिय पथ बिना रजपूती ना बणे रे भाईयों , लाख करो विचार ।
पथ छोङिया मँजिल ना मिले रे भाईयों , जतन करो हजार ।
मर्यादा रखी राजा राम ने रे भाईयों ,दुनिया पुजे बारम्बार ।
मर्यादा तोङी रावण ने रे भाईयों ,
बच ना पायो जतन कर हजार ।
महाराणा धर्म राखियोँ रे भाईयों , 
दियो अकबर ने झुकाय।
औरँगजेब भी आ झुकयो रे भाईयों ,
दुर्गादास जी दियो झुकाय।
क्षत्राणिया सती कहलावती रे भाईयों ,
चलती खाँडा री धार ।
अकेलो क्षत्रि भिङ जावतो रे भाईयों ,
सामने आजावे चाहे हजार।
धर्म छत्री ने भुलगा रे भाईयों ,
चलगा दुनिया रे लारो लार।
क्षत्रिय धर्म बिना रजपुती ना बणे रे भाईयों ,
लाख करो विचार ।
जय क्षात्र धर्म । जय क्षत्रिय
आपका धर्म हु आपकी सोच है और अपनी सोच को बुलन्द करना है तो अपने धर्म को बुलन्द करो
जय हिन्द
@Rudraksh

Comments

Popular posts from this blog

सूर्यवंशी क्षत्रियों के वंश ।। राजपूतो का इतिहास

अग्निवंशियो के वंशज।। राजपूतो का इतिहास

चंद्रवंशी क्षत्रियों के वंशज । Vanshaj of chandravanshi kshtriya